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Sunday, March 11, 2012

सीआरआर कटौती से क्या लौटेगी बाजार में रौनक

आरबीआई ने सीआरआर 0.75 फीसदी से घटाने का ऐलान किया है। जानकारों का मानना है कि सीआरआर घटने से बाजार का मूड सुधरेगा और बैंक शेयरों में तेजी आ सकती है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री, डी के जोशी का कहना है कि सीआरआर में कटौती होने के आसार नजर आ रहे थे। लेकिन, सीआरआर में 0.75 फीसदी की कटौती उम्मीद से कहीं ज्यादा है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री, अभीक बरुआ के मुताबिक आरबीआई ने सही समय पर सीआरआर में कटौती की है। अब 15 मार्च की बैठक से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। स्टैंडर्ड चार्टर्ड के हेड (रिसर्च), समिरन चक्रवर्ची का मानना है कि उद्योग को राहत देने के बजाय आरबीआई ने लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए सीआरआर घटाया है। आरबीआई को ऊंचे ब्याज दरों पर चिंता कम है। नोमुरा फाइनेंशियल की अर्थशास्त्री, सोनल वर्मा का कहना है कि आरबीआई द्वारा सीआरआर घटाए जाना उम्मीद के मुताबिक ही है। लिक्विडिटी की किल्लत बढ़ने के पहले आरबीआई ने सीआरआर घटाकर अच्छा कदम उठाया है। रिलायंस कैपिटल के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, मधुसूदन केला का कहना है कि सीआरआर घटने से बाजार का मूड और बेहतर होगा। लिक्विडिटी की कमी पर बाजार में चिंता बनी हुई थी। मधुसूदन केला के मुताबिक बैंकों ने आरबीआई से 1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया हुआ है। एडवांस टैक्स चुकाने के लिए बैंकों को और 7000 करोड़ रुपये की जरूरत थी। इंडिया निवेश सिक्योरिटीज के दलजीत सिंह कोहली का कहना है कि सीआरआर घटने के बाद बैंक शेयरों में तेजी जारी रहेगी। हालांकि, दलजीत सिंह कोहली का मानना है कि सीआरआर कटौती से बैंकों को ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है।

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