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Friday, October 5, 2012

एनएसई पर मचा कोहराम, लोअर सर्किट लगा


नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर कैश सेगमेंट में सर्किट फ्रीज होने की वजह से एसबीआई, सेसा गोवा, सिप्ला समेत कई शेयरों में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट नजर आई।

एक झटके में ही निफ्टी में लोअर सर्किट लगा और कैश में ट्रेडिंग सुबह 9:50 बजे अपने आप रुक गई थी। निफ्टी 900 अंक और सेंसेक्स 300 अंक गिरे थे। 10:05 बजे से एनएसई में ट्रेडिंग फिर शुरू हुई।

गड़बड़ी पर एनएसई ने सफाई दी है कि एमके ग्लोबल के 650 करोड़ रुपये के बल्क ऑर्डर की वजह से सर्किट फिल्टर फ्रीज हुआ था। एक के बाद एक 59 गड़बड़ ऑर्डर शॉर्ट करने से सर्किट फ्रीज हुआ।

एनएसई का कहना है कि एक्सचेंज के सिस्टम में कोई तकनीकी गड़बड़ी नहीं हुई थी। एनएसई के मुताबिक नॉन-एल्गो ट्रेडर्स ने बल्क ऑर्डर शार्ट किए थे।

एनएसई ने एमके ग्लोबल के सभी सौदे काटे हैं और ट्रेडिंग सस्पेंड की है। हालांकि एमके ने नुकसान की भरपाई का भरोसा दिया है।  एनएसई ने सेबी के साथ मिलकर ऐसी गड़बड़ियां दोबारा ना हो इसके लिए कदम उठाने की बात कही है।

एनएसई पर गड़बड़ी से ब्रोकरों और ट्रेडर्स को भारी नुकसान हुआ है। जानकारों का कहना है कि एनएसई को सुबह 9:30-10 बजे के दौरान हुए सौदों को रद्द कर देना चाहिए। एक्चेंजों को अपने सिस्टम दुरुस्त करने चाहिए ताकी छोटे निवेशक मुश्किल में न फंसे।

एनएसई के बिजनेस डेवेलपमेंट हेड, रवि वाराणसी का कहना है कि एक मेंबर के टर्मिनल से गलत ऑर्डर पड़ने की वजह से भारी गिरावट आई थी। कैश सेगमेंट में गलत ऑर्डर पड़ने की वजह से दूसरे सेगमेंट बंद नहीं किए गए थे।

रवि वाराणसी के मुताबिक गलत ऑर्डर की जांच जारी है, लेकिन कोई भी सौदे रद्द नहीं किए जाएंगे। ट्रेड को कैंसिल करना सही कदम नहीं होगा। आज के सौदे एल्गो ट्रेड नहीं थे।

ये पहली बार नहीं है कि एनएसई में फ्रीक ट्रेड की वजह से भारी गिरावट आई हो। 20 अप्रैल 2012 को भी निफ्टी फ्यूचर 7 फीसदी और इंफोसिस फ्यूचर 1950 रुपये तक गिर गया था।

20 अप्रैल 2012 को भारी गिरावट के पीछे वजह रही थी निफ्टी में सीएलएसए का एल्गो ट्रेड। सीएलएसए ने बड़े पैमाने पर निफ्टी फ्यूचर्स में बिकवाली थी। सीएलएसए के मुताबिक 20 मिनट की जगह 20 सेकेंड में ही सौदे निपटे थे।
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