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Saturday, March 3, 2012

इनकम टैक्स: बजट 2012 से निवेशकों की उम्मीद!

मैं यह समझता हूं कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के पास इस बजट में बेहद कम विकल्प हैं। यदि इस बजट में वह कर में छूट देते हैं तो भारत की लंबी अवधि में सुधार की संभावनाओं को जोखिम में डाल देंगे। क्या बाजार बजट के नतीजे के मुताबिक प्रतिक्रिया देगा। वहीं वित्त मंत्री के सामने यब बड़ी चुनौती है कि वह इस बजट में आम आदमियों की अपेक्षाओं पर कैसे खरे उतरते हैं। वहीं आने वाली 16 मार्च को निवेशकों को की नजरें जीएसटी, डीटीसी और मल्टीब्रांड रिटेल में कम कम से 51 फीसदी एफडीआई पर होगी। वर्तमान में निवेशक स्थानांतरित संपत्ति से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में कर छूट के लिए आवेदन कर सकता है। लेकिन इसकी छूट की सीमा केवल 6 महीने तक की है यदि उसके बाद शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। वहीं भारत में निवेश से पहले वित्तीय नियमता पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वहीं यदि सरकार सुधार और वित्तीय मजबूती को ध्यान में रखकक बजट का ऐलान करती है तो यह मध्यम अवधि में बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। बजट में डीजल को बाजार द्वारा तय कीमत पर छूट देने की घोषणा की जाए। सब्सिडी बोझ में डीजल का हिस्सा सबसे बड़ा है जिसके लिए ये बेहद जरूरी है। मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई का सभी वर्गों को फायदा होगा। लिहाजा विपक्षी दलों के साथ सरकार को अपने साथियों को भी मनाने की जरूरत है। कुल मिलाकर कहा जाए तो आर्थिक सुधार को लेकर जितनी ज्यादा घोषणाएं होंगी उतना ही निवेशकों को फायदा पहुंचेगा। एनआरआई निवेशकों की उम्मीदें वित्त मंत्रालय की ओर से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा जारी कॉर्पोरेट बॉन्ड खरीदने की मंजूरी दिए जाने की चर्चा जोरों पर है। एक एनआरआई होने की वजह से मेरा मानना है कि कॉर्पोरेट बॉन्ड के दायरे को डेट तक विस्तारित किए जाने से विदेशी निवेशकों के चेहरे खिल सकते हैं। विदेशी निवेशकों की उम्मीदें फिलहाल व्यक्तिगत विदेशी निवेशक को कॉर्पोरेट बॉन्ड में खरीदारी के लिए संस्थागत विदेशी निवेशक का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में विदेशी निवेशकों को कॉर्पोरेट बॉन्ड में सीधे निवेश करने की छूट जाए ताकि निवेश का खर्च सस्ता हो सके।

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