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Sunday, March 11, 2012

FIIs invest Rs 12,000 cr in equities this month; bullish on India

NEW DELHI: Adopting a bullish stance on India, overseas investors have pumped over Rs 12,000 crore into the Indian equity market this month so far. Foreign institutional investors (FIIs) were gross buyers of shares worth Rs 15,362 crore, while they sold equities amounting to Rs 14,104.50 crore, translating into a net investment of Rs 12,57.30 crore (USD 258 million) thid month till March 9, as per the data available with market regulator Sebi. Since the beginning of 2012, FIIs have infused a total of Rs 36,827 crore (USD 7.42 billion) into the Indian stocks. The net inflow was USD 5.12 billion during February and USD 2 billion in January. Analysts attributed robust FIIs inflow in the domestic market to the lack of alternative investment destinations available to investors, given the debt problems in European countries and slowdown in economic activity in emerging markets. In addition, sharp depreciation in rupee's value in the second half of 2011 could have deterred foreign investors from taking funds out from India. The foreign fund houses have withdrawn Rs 1,444 crore in the debt market so far this month. This takes the overall net investments by FIIs into Indian debt markets to Rs 24,543 crore (USD 4.8 billion) for this year. Strong surge in FII inflows in 2012 so far has helped boost the equity markets, as also the rupee. The stock market barometer Sensex has gained over 13 per cent in 2012, despite a fall of about 1.4 per cent this month. The index finished at 17,503.24 on Friday. FIIs mostly stayed away from Indian equities in 2011. They flocked towards the debt market last year with a net investment of Rs 20,293 crore, while pulling out Rs 2,812 crore from equities.

सीआरआर कटौती से क्या लौटेगी बाजार में रौनक

आरबीआई ने सीआरआर 0.75 फीसदी से घटाने का ऐलान किया है। जानकारों का मानना है कि सीआरआर घटने से बाजार का मूड सुधरेगा और बैंक शेयरों में तेजी आ सकती है। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री, डी के जोशी का कहना है कि सीआरआर में कटौती होने के आसार नजर आ रहे थे। लेकिन, सीआरआर में 0.75 फीसदी की कटौती उम्मीद से कहीं ज्यादा है। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री, अभीक बरुआ के मुताबिक आरबीआई ने सही समय पर सीआरआर में कटौती की है। अब 15 मार्च की बैठक से ज्यादा उम्मीदें नहीं हैं। स्टैंडर्ड चार्टर्ड के हेड (रिसर्च), समिरन चक्रवर्ची का मानना है कि उद्योग को राहत देने के बजाय आरबीआई ने लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए सीआरआर घटाया है। आरबीआई को ऊंचे ब्याज दरों पर चिंता कम है। नोमुरा फाइनेंशियल की अर्थशास्त्री, सोनल वर्मा का कहना है कि आरबीआई द्वारा सीआरआर घटाए जाना उम्मीद के मुताबिक ही है। लिक्विडिटी की किल्लत बढ़ने के पहले आरबीआई ने सीआरआर घटाकर अच्छा कदम उठाया है। रिलायंस कैपिटल के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, मधुसूदन केला का कहना है कि सीआरआर घटने से बाजार का मूड और बेहतर होगा। लिक्विडिटी की कमी पर बाजार में चिंता बनी हुई थी। मधुसूदन केला के मुताबिक बैंकों ने आरबीआई से 1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया हुआ है। एडवांस टैक्स चुकाने के लिए बैंकों को और 7000 करोड़ रुपये की जरूरत थी। इंडिया निवेश सिक्योरिटीज के दलजीत सिंह कोहली का कहना है कि सीआरआर घटने के बाद बैंक शेयरों में तेजी जारी रहेगी। हालांकि, दलजीत सिंह कोहली का मानना है कि सीआरआर कटौती से बैंकों को ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है।

Saturday, March 3, 2012

फेसबुक ने दिया आईआईटी के स्टूडेंट को 70 लाख का पैकेज

कानपुर।। आईआईटी कानपुर में छात्र-छात्राओं के प्लेसमेंट अभियान के तहत सबसे बड़ा 70 लाख रुपये सालाना का पैकेज फेसबुक ने कंप्यूटर साइंस ऐंड इंजीनियरिंग के एक छात्र को दिया है। इस प्रोग्राम के अन्य छात्र-छात्राओं को भी काफी अच्छा पैकेज मिला है, लेकिन सिद्वार्थ नामक इस छात्र को सर्वाधिक पैकेज ऑफर किया गया है। आईआईटी कानपुर में 2 दिसंबर से प्लेसमेंट अभियान चल रहा है और इस बार संस्थान के करीब 950 छात्र-छात्राओं ने प्लेसमेंट कार्यालय में अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। 2 दिसंबर से अभी तक कितने छात्र-छात्राओं को कितना पैकेज मिला है इसकी जानकारी आईआईटी प्रशासन इकट्ठा कर रहा है और उसे जल्द ही मीडिया के सामने पेश किया जाएगा। आईआईटी कानपुर के रजिस्ट्रार संजीव कशालकर ने शुक्रवार को बताया कि प्लेसमेंट अभियान में शामिल 950 छात्र छात्राओं में से करीब आधे से अधिक स्टूडेंट्स को विभिन्न नैशनल और मल्टी नैशनल कंपनियों के ऑफर मिल चुके है जिसमें से सबसे बड़ा पैकेज फेसबुक ने सिद्वार्थ अग्रवाल को 70 लाख रुपये सालाना का दिया है।

इनकम टैक्स: बजट 2012 से निवेशकों की उम्मीद!

मैं यह समझता हूं कि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के पास इस बजट में बेहद कम विकल्प हैं। यदि इस बजट में वह कर में छूट देते हैं तो भारत की लंबी अवधि में सुधार की संभावनाओं को जोखिम में डाल देंगे। क्या बाजार बजट के नतीजे के मुताबिक प्रतिक्रिया देगा। वहीं वित्त मंत्री के सामने यब बड़ी चुनौती है कि वह इस बजट में आम आदमियों की अपेक्षाओं पर कैसे खरे उतरते हैं। वहीं आने वाली 16 मार्च को निवेशकों को की नजरें जीएसटी, डीटीसी और मल्टीब्रांड रिटेल में कम कम से 51 फीसदी एफडीआई पर होगी। वर्तमान में निवेशक स्थानांतरित संपत्ति से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन में कर छूट के लिए आवेदन कर सकता है। लेकिन इसकी छूट की सीमा केवल 6 महीने तक की है यदि उसके बाद शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। वहीं भारत में निवेश से पहले वित्तीय नियमता पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वहीं यदि सरकार सुधार और वित्तीय मजबूती को ध्यान में रखकक बजट का ऐलान करती है तो यह मध्यम अवधि में बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। बजट में डीजल को बाजार द्वारा तय कीमत पर छूट देने की घोषणा की जाए। सब्सिडी बोझ में डीजल का हिस्सा सबसे बड़ा है जिसके लिए ये बेहद जरूरी है। मल्टीब्रैंड रिटेल में एफडीआई का सभी वर्गों को फायदा होगा। लिहाजा विपक्षी दलों के साथ सरकार को अपने साथियों को भी मनाने की जरूरत है। कुल मिलाकर कहा जाए तो आर्थिक सुधार को लेकर जितनी ज्यादा घोषणाएं होंगी उतना ही निवेशकों को फायदा पहुंचेगा। एनआरआई निवेशकों की उम्मीदें वित्त मंत्रालय की ओर से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय कंपनियों द्वारा जारी कॉर्पोरेट बॉन्ड खरीदने की मंजूरी दिए जाने की चर्चा जोरों पर है। एक एनआरआई होने की वजह से मेरा मानना है कि कॉर्पोरेट बॉन्ड के दायरे को डेट तक विस्तारित किए जाने से विदेशी निवेशकों के चेहरे खिल सकते हैं। विदेशी निवेशकों की उम्मीदें फिलहाल व्यक्तिगत विदेशी निवेशक को कॉर्पोरेट बॉन्ड में खरीदारी के लिए संस्थागत विदेशी निवेशक का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में विदेशी निवेशकों को कॉर्पोरेट बॉन्ड में सीधे निवेश करने की छूट जाए ताकि निवेश का खर्च सस्ता हो सके।

शेयर बाजार को बजट से राहत की उम्मीद

शेयर बाजार को उम्मीद है कि बजट में सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (एसटीटी) हट सकता है। शेयरों में ट्रांजैक्शन के लिए 0.125 फीसदी यानी 1000 रुपये पर 1.25 रुपये का एसटीटी देना पड़ता है। जानकारों का कहना है कि ट्रेडिंग और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एसटीटी हटाया जाए। जानकारों के मुताबिक अगर सरकार कोई नया टैक्स लाती है या टैक्स दरों में बढ़ोतरी करती है, तो इसका बाजार पर बुरा असर पड़ेगा। लेकिन अगर सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर और शिक्षा पर खर्च बढ़ाती है, तो इसका फायदा बाजार को मिल सकता है। साथ ही, नए बैंकिंग लाइसेंस देने का एलान भी बाजार को पसंद आएगा। हालांकि, बाजार को डर है कि फूड सब्सिडी और ऑयल सब्सिडी का बोझ बढ़ेगा, जिससे वित्तीय घाटा और बढ़ सकता है।

ओएनजीसी की नीलामी से सतर्क हुई सरकार

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा है कि आगे किसी भी सरकारी कंपनी का हिस्सा बेचे जाने के पहले सरकार नीलामी की प्रक्रिया की पूरी तरह से जांच करेगी। ओएनजीसी के शेयरों के ऑक्शन पर प्रणव मुखर्जी का कहना है कि पहली बार नीलामी के जरिए किसी कंपनी का हिस्सा बेचा गया था। सरकार मामले की समीक्षा करके आगे के लिए फैसला लेगी। ओएनजीसी के शेयरों की नीलामी में सरकार की तैयारियों में खामियां सामने आईं। निजी निवेशकों के ठंडे रिस्पॉन्स को देखते हुए एलआईसी को ही शेयरों का बड़ा हिस्सा खरीदना पड़ा है। ओएनजीसी के 42.77 करोड़ शेयरों के इश्यू को 99.3 फीसदी बोलियां मिली, जिसमें से बड़ा हिस्सा एलआईसी का है। नीलामी के लिए सरकार ने शेयरों का फ्लोर प्राइस 290 रुपये तय किया था। हालांकि, सूत्रों से मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक विनिवेश विभाग ने 260 रुपये का फ्लोर प्राइस रखने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन, ईजीओएम ने सिफारिश को अनदेखा करते हुए नीलामी के लिए ऊंचा भाव तय किया। by moneycontrol.com

सुस्ती पर बंद बाजार, छोटे शेयर चुस्त

कारोबार के आखिर में बिकवाली बढ़ने से बाजार ने शुरुआती बढ़त गंवा दी। सेंसेक्स 14 अंक गिरकर 17622 और निफ्टी बिना किसी बदलाव के साथ 5359 पर बंद हुए। रियल्टी शेयर 0.5 फीसदी गिरे। कैपिटल गुड्स, ऑटो और मेटल शेयरों में करीब 0.25 फीसदी की कमजोरी आई। स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, बजाज ऑटो, सिप्ला, एनटीपीसी, भारती एयरटेल, विप्रो, ओएनजीसी, एचडीएफसी, एमएंडएम, डीएलएफ 1-0.5 फीसदी कमजोर हुए। सरकारी कंपनियों के शेयर 0.5 फीसदी चढ़े। पावर और बैंक शेयर 0.25 फीसदी मजबूत हुए। आईटी, हेल्थकेयर, ऑयल एंड गैस, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एफएमसीजी, तकनीकी शेयरों में हल्की तेजी आई। टाटा पावर, सन फार्मा, जिंदल स्टील, एचडीएफसी बैंक, टीसीएस, आईसीआईसीआई बैंक, गेल 1-0.25 फीसदी मजबूत हुए। ईआईएच में रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा हिस्सा बढ़ाए जाने की खबर से होटल शेयरों में उछाल दिखा। ईआईएच, ईआईएच एसो, होटल लीला, ताज जीवीके 20-5.5 फीसदी चढ़े। छोटे और मझौले शेयरों में 0.25-0.5 फीसदी की तेजी आई। मिडकैप शेयरों में एस्सार पोर्ट्स, इंडियाबुल्स पावर 10 फीसदी चढ़े। छोटे शेयरों में सुराना कॉर्प, ट्रांसपोर्ट कॉर्प, जेएसडब्ल्यू होल्डिंग्स, पीएफएल इंफो 5.5-5 फीसदी तेज हुए। हफ्ते के कारोबार में सेंसेक्स 1.5 और निफ्टी 1.2 फीसदी गिरे हैं। मिडकैप शेयरों में 1 फीसदी की तेजी आई। वहीं, छोटे शेयरों में मामूली कमजोरी रही। हफ्ते में रियल्टी, कैपिटल गुड्स, आईटी, ऑटो शेयर 4.5-2.5 फीसदी गिरे। हेल्थकेयर शेयरों में 2.25 फीसदी की तेजी आई। निफ्टी शेयरों में डीएलएफ, एमएंडएम, सेसा गोवा, हीरो मोटोकॉर्प, टीसीएस, एलएंडटी, सेल 10.5-3.5 फीसदी टूटे। मिडकैप शेयरों में ईआईएच, एस्ट्राजेनका, एसटीसी, आईटीआई, इंडियाबुल्स पावर, अरविंद फार्मा, एचएमटी 18-11 फीसदी चढ़े।